भारत विविधताओं का देश है, जहाँ प्रत्येक दिन किसी न किसी धार्मिक परंपरा, व्रत या उत्सव से जुड़ा हुआ है। ये व्रत और त्योहार न केवल आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि हमारे सामाजिक जीवन को सुदृढ़ करते हुए पारिवारिक बंधनों को मजबूती प्रदान करते हैं। वर्ष 2025 में भी अनेक पावन अवसर आने वाले हैं, जिनमें विशेष पूजा, व्रत, दान और सामूहिक उत्सव का महत्व होगा।
आइए, मई से नवंबर 2025 तक के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें, ताकि आप इन शुभ अवसरों का लाभ उठाकर अपने जीवन को पुण्यमय बना सकें।
🌼 मई 2025
- 20 मई (मंगलवार): कालाष्टमी
- भगवान भैरव की उपासना का विशेष दिन। रात्रि में भैरव चालीसा पाठ एवं तैलाभिषेक करने से भय व रोगों से मुक्ति मिलती है।
- 23 मई (शुक्रवार): एकादशी व्रत
- भगवान विष्णु की भक्ति में उपवास रखकर पापों से मुक्ति पाई जा सकती है।
- 25 मई (रविवार): वट सावित्री व्रत आरंभ
- सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं।
- 27 मई (मंगलवार): वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, भौमवती अमावस्या
- तीन शुभ संयोगों वाला दिन, विशेषकर शनि दोष शांति के लिए उत्तम।
🌊 जून 2025
- 5 जून (गुरुवार): गंगा दशहरा व भैरव जयंती
- माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का पर्व। इस दिन गंगा स्नान से दस प्रकार के पापों का नाश होता है।
- 7 जून (शनिवार): निर्जला एकादशी
- सर्वश्रेष्ठ एकादशी, जिसमें बिना जल ग्रहण किए व्रत रखने पर वर्षभर की एकादशियों का फल प्राप्त होता है।
- 14 जून (शनिवार): संकष्टी चतुर्थी व्रत
- भगवान गणेश की कृपा से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- 26 जून (गुरुवार): गुप्त नवरात्रि प्रारंभ
- तांत्रिक साधनाओं एवं शक्ति उपासना का विशेष समय।
🌿 जुलाई 2025
- 6 जुलाई (रविवार): देवशयनी एकादशी
- इस दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
- 14 जुलाई (सोमवार): पहला श्रावण सोमवार
- भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन, श्रावण मास का प्रारंभ।
- 23 जुलाई (बुधवार): श्रावण शिवरात्रि
- गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
- 27 जुलाई (रविवार): हरियाली तीज
- सुहागिनों का प्रमुख त्योहार, जिसमें वे अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं।
🌺 अगस्त 2025
- 9 अगस्त (शनिवार): रक्षाबंधन
- भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक यह पर्व गायत्री जयंती एवं संस्कृत दिवस के साथ मनाया जाएगा।
- 16 अगस्त (शनिवार): श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
- भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर व्रत एवं भजन-कीर्तन का विशेष महत्व।
- 26 अगस्त (मंगलवार): हरतालिका तीज व्रत
- माँ पार्वती के तप का स्मरण करते हुए सुहागिनें अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं।
- 27 अगस्त (बुधवार): गणेश चतुर्थी
- भगवान गणेश की स्थापना एवं पूजा का दिन। चंद्र दर्शन वर्जित।
🕉 सितंबर 2025
- 7 सितंबर (रविवार): पितृपक्ष आरंभ
- पूर्वजों के तर्पण एवं श्राद्ध कर्म का विशेष समय।
- 22 सितंबर (सोमवार): शारदीय नवरात्रि प्रारंभ
- माँ दुर्गा की उपासना का पावन अवसर, कलश स्थापना के साथ आरंभ।
- 30 सितंबर (मंगलवार): दुर्गा अष्टमी
- कन्या पूजन एवं महाअर्चना का शुभ दिन।
🔱 अक्टूबर 2025
- 2 अक्टूबर (गुरुवार): विजयादशमी
- बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक, दशहरा पर्व।
- 10 अक्टूबर (शुक्रवार): करवा चौथ
- सुहागिनों का कठिन व्रत, जो पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है।
- 21 अक्टूबर (मंगलवार): दीपावली
- महालक्ष्मी पूजन, दीप प्रज्वलन एवं धन-समृद्धि का पर्व।
- 26 अक्टूबर (रविवार): छठ पूजा प्रारंभ
- सूर्य देव की उपासना का महापर्व, नहाय-खाय के साथ आरंभ।
🌞 नवंबर 2025
- 2 नवंबर (रविवार): देवउठनी एकादशी
- भगवान विष्णु की योग निद्रा समाप्ति का दिन, तुलसी विवाह एवं शुभ कार्यों का आरंभ।
- 5 नवंबर (बुधवार): कार्तिक पूर्णिमा
- गुरु नानक जयंती एवं गंगा स्नान का पुण्यदायी अवसर।
🌟 व्रत-त्योहारों का महत्व
ये व्रत एवं उत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं हैं, बल्कि ये हमें अनुशासन, सदाचार और सामाजिक एकता की शिक्षा देते हैं। इनके माध्यम से हम अपने आराध्य देवताओं के साथ जुड़ते हैं, साथ ही परिवार और समाज के साथ मिलकर आनंद का अनुभव करते हैं।
🙏 आप सभी से निवेदन है कि इन पावन अवसरों का लाभ उठाएँ और अपने जीवन को धर्म, संस्कृति एवं आस्था से सराबोर करें।