हिंदू पंचांग के अनुसार, 3 नवंबर 2025, सोमवार के दिन सोमप्रदोष व्रत मनाया जाएगा। यह दिन भगवान महादेव शिव शंकर की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। जब प्रदोष व्रत सोमवार के दिन आता है, तब इसे सोमप्रदोष व्रत कहा जाता है, जो जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करने वाला होता है।
3 नवंबर 2025 का सोमप्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर है। इस दिन शाम 6:45 बजे से 7:30 बजे तक स्थिर वृषभ लग्न में पूजा करना सर्वोत्तम रहेगा। प्रदोष काल में शिव आराधना करने से जीवन के समस्त दोष समाप्त होते हैं और मनुष्य को सुख, शांति व समृद्धि का वरदान मिलता है।
सोमप्रदोष व्रत का महत्व क्या है?
प्रदोष का अर्थ होता है “संध्या का समय” यानी दिन और रात के मिलन का पवित्र क्षण। इस समय भगवान शिव का पूजन करने से भक्त को मनचाहे फल मिलते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि —
प्रदोषे शिवपूजा च सर्वपापं विनाशयेत्।
अर्थात प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है।
जब यह प्रदोष सोमवार के दिन आता है, तब इसका प्रभाव हजार गुना अधिक फलदायी होता है। इस दिन व्रत रखने और शिवजी की आराधना करने से मंगल दोष, कर्ज दोष, कालसर्प दोष जैसे ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है।
3 नवंबर 2025 सोमप्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
तिथि: सोमवार, 3 नवंबर 2025
प्रदोष काल आरंभ: शाम 5:34 बजे से रात 8:10 बजे तक (स्थानानुसार भिन्न हो सकता है)
शुभ पूजा मुहूर्त: संध्या 6:45 बजे से 7:30 बजे तक (प्रदोष काल का मध्य)
लघ्न: स्थिर वृषभ लग्न (जो धन, स्थिरता और सुख का प्रतीक है।)
नवमांश: स्थिर नवमांश में पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
इस समय शिवलिंग पर जलाभिषेक, बिल्वपत्र अर्पण, दीपदान और महामृत्युंजय जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
सोमप्रदोष व्रत की पूजा विधि
1. सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें – ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
2. पूरे दिन फलाहार या निर्जला व्रत रखें।
3. संध्या समय प्रदोष काल में शिवलिंग के समक्ष दीप जलाएं।
4. शिवलिंग पर दूध, जल, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।
5. ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
6. अंत में आरती करके परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।
सोमप्रदोष व्रत से मिलने वाले लाभ कौन-कौन से है?
1. जीवन में मंगल ग्रह और शनि के प्रभाव में कमी आती है।
2. विवाह में विलंब, कर्ज, और तनाव जैसी समस्याएं समाप्त होती हैं।
3. घर में शांति, धन, और समृद्धि आती है।
4. कालसर्प दोष या मंगल दोष से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ है।
उज्जैन में सोमप्रदोष पूजा का विशेष महत्व क्या है?
उज्जैन नगरी भगवान महाकालेश्वर की भूमि है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में यहाँ शिव आराधना करने से भक्त को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
यदि आप महाकाल मंदिर, उज्जैन में सोमप्रदोष व्रत के दिन पूजा कराते हैं, तो इसका फल कई गुना अधिक होता है।
आप ऑनलाइन सोमप्रदोष पूजा बुकिंग कर सकते हैं, जहाँ अनुभवी पंडित जी आपके नाम और गोत्र से विधिवत पूजा कराते हैं।
उज्जैन में सोमप्रदोष पूजा कैसे बुक करें?
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