13 जुलाई-31 जुलाई 2025 तक ग्रह-परिवर्तन: सावधानियां और उपाय

13 जुलाई से 31 जुलाई 2025 के बीच ग्रहों की स्थिति में कई परिवर्तन होने वाले हैं, जो की ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न राशियों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रो पर प्रभाव डाल सकते हैं। इन प्रभावों से बचने के लिए वैदिक ज्योतिष मे कई उपाय दिये गए है, जिन्हे अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

जुलाई 2025 में ग्रहण और ग्रहों का परिवर्तन

जुलाई के महीने में कई महत्वपूर्ण ग्रहों की चाल और राशि परिवर्तन होंगे, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस समय अवधि में कई ग्रह जैसे शनि, गुरु (बृहस्पति), बुध, सूर्य, मंगल और शुक्र राशियों में परिवर्तन कर रहे हैं, जिसके चलते कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते है। ये प्रभाव निम्नलिखित है

शनि का मेष राशि में वक्री होना (13 जुलाई 2025)

शनि, जो ज्योतिष में कर्म और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है, 13 जुलाई 2025 को मेष राशि में वक्री (रेट्रोग्रेड) होगा। यह परिवर्तन सभी राशियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। मेष राशि में शनि की यह स्थिति साहस, नेतृत्व और नई शुरुआतों पर प्रभाव डाल सकती है, पुराने कार्यों में अड़चनें आ सकती हैं, कोर्ट-कचहरी या सरकारी मामलों में देरी हो सकती है।

प्रभाव:

1. मकर, कुंभ, मीन राशि वालों के लिए यह गोचर चुनौतीपूर्ण रहेगा।

2. साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव और तीव्र हो जाएगा।

3. कार्यों में देरी, मानसिक दबाव, और कर्मों का फल मिलेगा।

4. लेन-देन, निवेश, क़ानूनी मसलों में सावधानी ज़रूरी।

उपाय:

शनि बीज मंत्र का जाप करें: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”

शनिवार को काले तिल, कंबल, लोहे का दान करें

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें

मंगल ग्रह का परिवर्तन (17 जुलाई)

मंगल ऊर्जा, साहस और क्रोध का प्रतीक है। इसका गोचर मेष से वृषभ में होगा। जिसके कारण कई नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते है। इस बीच गुस्से पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगाऔर दुर्घटनाओं से सावधानी बरतें। ओर अधिक जानकारी के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित विजय जोशी जी को कॉल करे।

प्रभाव:

कन्या, मकर, मीन राशि के लिए यह समय शरीर में गर्मी, रक्तचाप, दुर्घटना की प्रवृत्ति ला सकता है

वैवाहिक जीवन और भाई-बहन के संबंधों में तनाव संभव

गाड़ी चलाते समय विशेष सतर्कता रखें

जमीन-जायदाद के मामलों में विवाद बढ़ सकते हैं

उपाय:

मंगल बीज मंत्र का जाप करें: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”

हनुमान जी की पूजा करें और मंगलवार को रक्त दान करें।

लाल मसूर, तांबा और रक्तवस्त्र का दान करें।

शुक्र ग्रह का परिवर्तन

शुक्र प्रेम, विलासिता और भौतिक सुखों का प्रतिनिधित्व करता है। 13 जुलाई को शुक्र का परिवर्तन वृषभ से मिथुन राशि में होगा, जिसके कारण व्यक्ति के जीवन में और प्रेम संबंधों में उथल-पुथल हो सकती है। निवेश या खर्चों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना भी देखी जा सकती है।

प्रभाव:

मिथुन, कर्क, तुला राशि के लोगों के लिए प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

यह समय आकर्षण, भ्रम, या अस्थायी निर्णयों का भी हो सकता है।

फ़ैशन, फिल्म, संगीत, क्रिएटिव क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ मिल सकता है।

संबंधों में पारदर्शिता बनाए रखें।

उपाय:

“ॐ शुं शुक्राय नमः” का जाप करें

शुक्रवार को सफेद मिठाई, चांदी या इत्र दान करें।

लक्ष्मी माता और राधा-कृष्ण की पूजा करें।

बुध का गोचर – 19 जुलाई (मिथुन से कर्क राशि)

गोचर: बुध का मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश

मुख्य भाव: बुद्धि, वाणी, व्यापार, निर्णय शक्ति

प्रभाव:

भावनात्मक निर्णयों की अधिकता हो सकती है

बातचीत में तकरार या गलतफहमियाँ संभव

व्यापार और नौकरी में अनिश्चितता आएगी

कर्क, तुला, और मीन राशि वालों को सोच-समझकर निर्णय लेने की आवश्यकता

उपाय:

बुधवार को हरे वस्त्र पहनें

“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें।

गौ, ब्राह्मण या कन्या को हरे मूंग का दान करें।

क्या करें इन ग्रह परिवर्तनों के दौरान?

राहु-केतु शांति पूजा कराएं – विशेषतः ग्रहण काल में

मंगल और शनि की बीज मंत्र जाप करें

तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करें

हर दिन सूर्य को जल अर्पित करें और “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जाप करें

गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करें

दान करें – काले तिल, कपड़े, अन्न, या तांबे का दान शनि और मंगल के दोष निवारण के लिए।

किन राशियों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा?

राशिप्रभाव
कर्कमानसिक अस्थिरता, व्यावसायिक उलझन
मीनस्वास्थ्य और ऋण संबंधी चिंताएं
मिथुनप्रेम संबंधों और संवाद में भ्रम
मकरनिवेश और निर्णयों में रुकावट
कुंभभाग्य का फल, परंतु कर्मों की कसौटी

ज्योतिषीय सलाह और समाधान

अपनी कुंडली के अनुसार ग्रह दोष की स्थिति का विश्लेषण करें।

विशेष पूजा जैसे ग्रह शांति अनुष्ठान, मंगल भात पूजा, शनि दोष निवारण, मंत्र जाप आदि करवाएं।

उज्जैन जैसे शक्तिपीठों में इन पूजाओं का प्रभाव कई गुना अधिक होता है, तो अपनी पूजा आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित विजय जोशी जी के पास बुक करें और जीवन में आने वाली परेशानियों से बचे।

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