मासिक शिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है, जो प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में, 22 सितंबर 2025 को आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि पड़ रही है। यह दिन भगवान शिव की पूजा, व्रत, और ज्योतिषीय उपायों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए उपाय जीवन की बाधाओं को दूर करने, धन, सुख, और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
मासिक शिवरात्रि 2025 का महत्व क्या है?
मासिक शिवरात्रि का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यंत विशेष है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और भक्तों को शिव-पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो कुंडली में चंद्रमा, शनि, या राहु-केतु के दुष्प्रभावों से पीड़ित हैं। 22 सितंबर 2025 को मासिक शिवरात्रि पितृ पक्ष के अंतिम दिन, सर्वपितृ अमावस्या के साथ पड़ रही है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
मासिक शिवरात्रि 22 सितंबर 2025 की तिथि और मुहूर्त
तिथि: आश्विन मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी
दिनांक: 22 सितंबर 2025, सोमवार
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 21 सितंबर 2025, रात 12:16 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 22 सितंबर 2025, रात 01:23 बजे
निशिता काल पूजा मुहूर्त: 22 सितंबर 2025, रात 11:50 बजे से 12:38 बजे तक
कुतुब मुहूर्त: सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक
रौहिण मुहूर्त: दोपहर 12:38 बजे से 01:27 बजे तक
राहु काल (वर्जित): 22 सितंबर 2025, सुबह 07:30 बजे से 09:00 बजे तक
नोट: स्थानीय पंचांग के अनुसार मुहूर्त की पुष्टि करें।
मासिक शिवरात्रि के लाभ क्या है?
ग्रह दोष निवारण: चंद्रमा, शनि, और राहु-केतु के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
धन और समृद्धि: शिव पूजा और उपायों से आर्थिक तंगी दूर होती है।
स्वास्थ्य और शांति: मानसिक तनाव और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
वैवाहिक सुख: शिव-पार्वती की पूजा से वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य बढ़ता है।
पितृ दोष निवारण: पितृ पक्ष के दौरान शिव पूजा से पितरों की शांति होती है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि क्या है?
मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता काल (रात के समय) में करना सबसे शुभ माना जाता है। नीचे पूजा की सरल विधि दी गई है:
पूजा विधि
संकल्प:
निशिता काल में पूजा शुरू करें। हाथ में गंगाजल और अक्षत लेकर संकल्प करें: “मैं मासिक शिवरात्रि 22 सितंबर 2025 को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने जा रहा/रही हूं।”
शिवलिंग स्थापना:
शिवलिंग को चौकी पर स्थापित करें। गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें।
मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” (108 बार)।
पूजा:
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, और फूल अर्पित करें। प्रत्येक बेलपत्र पर चंदन से “ॐ नमः शिवाय” लिखें।
धूप, दीप, और कपूर से आरती करें।
प्रसाद (खीर या हलवा) अर्पित करें।
मंत्र जाप:
महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।” (108 बार)
शिव पंचाक्षर मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” (108 बार)
रुद्र मंत्र: “ॐ नमो भगवते रुद्राय” (21 बार)
आरती और प्रार्थना:
“ॐ जय शिव ओमकारा” आरती गाएं।
अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें।
प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद प्रसाद परिवार और पड़ोसियों में बांटें।
मासिक शिवरात्रि के दिन कौन-कौन से उपाय कर्ण चाहिए?
नीचे सरल और प्रभावी उपाय दिए गए हैं, जो 22 सितंबर 2025 को मासिक शिवरात्रि के दिन किए जा सकते हैं। ये उपाय धन, स्वास्थ्य, और सुख के लिए लाभकारी हैं:
1. बेलपत्र पर मंत्र लेखन
उपाय: 21 बेलपत्रों पर चंदन से “ॐ नमः शिवाय” लिखें और शिवलिंग पर चढ़ाएं।
लाभ: मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
2. जलाभिषेक
उपाय: शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से जलाभिषेक करें। सुबह 04:15 बजे से 04:56 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में करें।
लाभ: मानसिक शांति और स्वास्थ्य में सुधार।
3. पारद शिवलिंग स्थापना
उपाय: योग्य ब्राह्मण की सलाह से पारद शिवलिंग स्थापित करें और प्रतिदिन पूजा करें।
लाभ: धन वृद्धि और आर्थिक स्थिरता।
4. बैल को हरा चारा
उपाय: शिवरात्रि के दिन बैल को हरा चारा या गुड़-रोटी खिलाएं।
लाभ: जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
5. रुद्राक्ष धारण
उपाय: 5 मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध कर, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जाप के साथ धारण करें।
लाभ: नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा और मानसिक शांति।
6. महामृत्युंजय मंत्र जाप
उपाय: 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
लाभ: स्वास्थ्य और दीर्घायु।
7. धतूरा अर्पण
उपाय: शिवलिंग पर 11 धतूरा अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते रुद्राय” मंत्र का जाप करें।
लाभ: शत्रु बाधा से मुक्ति।
मासिक शिवरात्रि 22 सितंबर 2025 एक शुभ अवसर है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का मौका देता है। इस दिन सर्वपितृ अमावस्या का संयोग इसे और भी विशेष बनाता है। उपरोक्त 21 उपाय, जैसे बेलपत्र अर्पण, जलाभिषेक, और पितृ तर्पण, आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति ला सकते हैं। निशिता काल में पूजा करें, शुद्धता बनाए रखें, और भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाएं।
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