रामचंद्र अग्रवाल: विशाल मेगा मार्ट के संस्थापक और भारत के असली बिजनेस हीरो

राम चंद्र अग्रवाल की यात्रा गरीबी, पोलियो, और 750 करोड़ रुपये के नुकसान से 6,572 करोड़ रुपये के साम्राज्य तक, एक सच्चे बिजनेस हीरो की कहानी है। ज्योतिषीय शास्त्र के अनुसार, मंगल, शनि, सूर्य, और गुरु जैसे ग्रहों की ऊर्जा का उनकी सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी कहानी न केवल उद्यमियों के लिए प्रेरणा […]

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मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और कुलदीपक योग: कैसे बनाते हैं विवाह और जीवन को अविस्मरणीय

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (Major Sandeep Unnikrishnan) एक ऐसे भारतीय सेना अधिकारी थे, जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में अपने अदम्य साहस और बलिदान से देश का नाम रोशन किया। उनकी वीरता और निस्वार्थ सेवा ने उन्हें कुलदीपक योग का जीवंत प्रतीक बना दिया। ज्योतिष में कुलदीपक योग एक शुभ योग है, जो परिवार को गौरव

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कैसे मंगल और कुलदीपक योग वैवाहिक जीवन को अविस्मरणीय बनाते हैं

वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली के ग्रह योग व्यक्ति के जीवन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेष रूप से मंगल (Mars) और कुलदीपक योग को वैवाहिक जीवन में विशेष महत्व प्राप्त है। जहां मंगल व्यक्ति में ऊर्जा, साहस और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है, वहीं कुलदीपक योग परिवार के नाम और

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चित्रा त्रिपाठी की कुंडली: एक शक्तिशाली महिला पत्रकार

चित्रा त्रिपाठी आज के समय की एक प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध महिला पत्रकार हैं। उनका आत्मविश्वास, वाणी की स्पष्टता और निडर रिपोर्टिंग शैली उन्हें भारत की शीर्ष एंकर्स की सूची में लाकर खड़ा करती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चित्रा त्रिपाठी की जन्म कुंडली में ऐसा क्या है, जो उन्हें इतनी प्रभावशाली, लोकप्रिय

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कैसे प्राप्त करें प्रसिद्धि और गौरव? समाज में सम्मान कैसे पाएँ

प्रसिद्धि (नाम प्रतिष्ठा) और गौरव—दो ऐसे शब्द हैं जो हर इंसान के दिल में कहीं न कहीं रहते हैं। कोई बड़े आदमी के रूप में, कोई आध्यात्मिक मार्गदर्शक बनकर, कोई लेखक या वैज्ञानिक बनकर दुनिया में नाम कमाना चाहता है। लेकिन सवाल ये है — क्या वास्तव में असीम प्रसिद्धि और गौरव हासिल किया जा

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आदि शंकराचार्य का कुंभ/सिंहस्थ आयोजन का उद्देश्य: सनातन धर्म की रक्षा

कुंभ सिंहस्थ मेला, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम, न केवल एक तीर्थयात्रा है, बल्कि सनातन धर्म की एकता और दार्शनिक गहराई का प्रतीक भी है। इस मेले की शुरुआत और इसके संगठन में 8वीं शताब्दी के महान दार्शनिक और सनातन धर्म के पुनर्जननकर्ता आदि शंकराचार्य की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।

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13 जुलाई से 31 जुलाई 2025: शनि अस्त से मंगल केतु परिवर्तन

13 जुलाई को शनि ग्रह अस्त (invisible) हो जाएंगे, 31 जुलाई तक मंगल का गोचर और केतु का नक्षत्र परिवर्तन भी होगा। इस महीने में शनि की वक्री चाल, मंगल का राशि परिवर्तन और केतु का नक्षत्र गोचर जैसे प्रमुख ग्रहीय बदलाव देखने को मिलेंगे। इन तीनों घटनाओं का संयोग कुछ गहरी अस्थिर ऊर्जा को

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13 जुलाई-31 जुलाई 2025 तक ग्रह-परिवर्तन: सावधानियां और उपाय

13 जुलाई से 31 जुलाई 2025 के बीच ग्रहों की स्थिति में कई परिवर्तन होने वाले हैं, जो की ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विभिन्न राशियों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रो पर प्रभाव डाल सकते हैं। इन प्रभावों से बचने के लिए वैदिक ज्योतिष मे कई उपाय दिये गए है, जिन्हे अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभावों को

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शनि की चंद्र पर दृष्टि पड़ने से क्या परिणाम होते हैं?

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की दृष्टि (Aspect) का अत्यंत महत्व है। जब कोई अशुभ ग्रह चंद्रमा जैसे कोमल ग्रह पर अपनी दृष्टि डालता है, तो इसका गहरा मानसिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है। शनि की चंद्र पर दृष्टि को विशेष रूप से गंभीर माना जाता है, क्योंकि यह योग व्यक्ति के मनोबल, भावनात्मक स्थिरता, और

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भारतीय संस्कृति और वैवाहिक जीवन पर पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव, सद्भाव में बाधा, हिंसा की प्रवृत्ति, आत्म-क्षति

भारतीय संस्कृति अपनी समृद्ध परंपराओं, संयुक्त परिवार की भावना और वैवाहिक जीवन में आपसी विश्वास के लिए जानी जाती है। लेकिन आधुनिक युग में, पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव भारतीय समाज, विशेषकर वैवाहिक जीवन पर तेजी से बढ़ रहा है। यह प्रभाव जहां कुछ सकारात्मक बदलाव लाया है, वहीं कई नकारात्मक पहलुओं जैसे सद्भाव में कमी,

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