
हिन्दू धर्म में विवाह को जीवन का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। यह न केवल दो व्यक्तियों, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का मिलन होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शादी के लिए शुभ मुहूर्त का चयन वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और सामंजस्य सुनिश्चित करता है। शुभ मुहूर्त में ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूल स्थिति, जैसे रोहिणी, मघा, और स्वाति नक्षत्र, दंपत्ति के लिए सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
जून से दिसंबर 2025 तक शादी के शुभ मुहूर्त वैवाहिक जीवन की शुरुआत के लिए आदर्श हैं। जून में ग्रीष्मकालीन विवाह, नवंबर में उत्सवपूर्ण माह, और दिसंबर में शीतकालीन थीम वाली शादियां आपके लिए सुखद अनुभव होंगी।
जून 2025: में सुखी वैवाहिक जीवन की शुरुआत
जून में विवाह के लिए केवल 5 शुभ तिथियाँ उपलब्ध हैं। गुरु ग्रह के 10 जून को अस्त होने और 7 जून से गुरु वार्धक्य दोष के कारण इस महीने के अंतिम सप्ताह में कोई मुहूर्त नहीं है।
तिथि | दिन | शुभ समय अवधि | नक्षत्र | विशेष सावधानी |
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1 जून | रविवार | रात 9:37 बजे के बाद | मघा | ध्रुव योग पूरे दिन |
2 जून | सोमवार | सुबह 08:21 – रात 08:34 | मघा | व्याघात योग सुबह 08:20 तक |
4 जून | बुधवार | सुबह 08:29 – 5 जून सुबह 05:23 | उत्तराफाल्गुनी | हर्षण योग प्रातः 08:07 तक |
5 जून | गुरुवार | सुबह 05:23 – सुबह 09:14 | हस्त | रवि योग पूरे दिन |
7 जून | शनिवार | सुबह 09:40 – सुबह 11:18 | स्वाति | द्विपुष्कर योग सुबह 09:40 तक |
8 जून को मुहूर्त केवल दोपहर 12:18 से 12:42 बजे तक है, परंतु गुरु दोष के कारण इसे टालना उचित है।
10 जून के बाद कोई शुभ मुहूर्त नहीं क्योंकि गुरु अस्त हो जाते हैं, जो विवाह के लिए अशुभ माना जाता है।
चातुर्मास काल – (जुलाई से अक्टूबर) मांगलिक कार्य है वर्जित
11 जून से 18 नवंबर 2025 तक चातुर्मास की अवधि है, जिसमें विवाह सहित सभी मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हैं। इसका कारण:
देवशयनी एकादशी (6 जुलाई): भगवान विष्णु 4 महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं।
गुरु अस्त (11 जून – 6 जुलाई): ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति के अस्त होने से किसी भी नए कार्य का शुभारंभ निषेध है।
चातुर्मास में क्या करें?
भजन-कीर्तन, शिव पूजा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप।
दान-पुण्य और तीर्थ यात्रा जैसे धार्मिक कार्य 12।
क्या न करें?
विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या नामकरण संस्कार।
महंगे सामान (गाड़ी/जेवर) की खरीदारी 9।
नवंबर 2025: चातुर्मास समाप्ति के बाद विवाह मुहूर्त
18 नवंबर को देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु की निद्रा समाप्त होती है। इसके बाद ये तिथियाँ विवाह के लिए शुभ हैं :
तिथि | दिन | शुभ समय अवधि (अनुमानित) | नक्षत्र |
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2 नवंबर | रविवार | पूर्ण दिवस | रोहिणी |
3 नवंबर | सोमवार | सुबह 07:15 – शाम 05:40 | मृगशिरा |
6 नवंबर | गुरुवार | रात 07:29 – 7 नवंबर सुबह 07:06 | पुनर्वसु |
12 नवंबर | बुधवार | सुबह 06:34 – शाम 04:47 | उत्तराफाल्गुनी |
16-18 नवंबर | शनि-सोम | विस्तृत समय* | पुष्य, अश्लेषा |
21-23 नवंबर | शुक्र-रवि | विस्तृत समय* | स्वाति, विशाखा |
25 नवंबर | मंगलवार | दोपहर 01:18 – रात 08:45 | अनुराधा |
30 नवंबर | रविवार | सुबह 09:14 – शाम 07:08 | उत्तर भाद्रपद |
दिसंबर 2025: साल के अंतिम शुभ अवसर
दिसंबर में विवाह के लिए केवल 3 तिथियाँ शुभ हैं। इस महीने मार्गशीर्ष का पवित्र मास होने के कारण शादी का विशेष महत्व है:
तिथि | दिन | शुभ समय अवधि | नक्षत्र |
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4 दिसंबर | गुरुवार | सुबह 05:23 – शाम 04:17 | पूर्वाषाढ़ा |
5 दिसंबर | शुक्रवार | पूर्ण दिवस | उत्तराषाढ़ा |
6 दिसंबर | शनिवार | सुबह 07:06 – दोपहर 12:45 | श्रवण |
6 दिसंबर के बाद पौष मास की शुरुआत हो जाती है, जिसमें विवाह मुहूर्त नहीं होते। सर्दियों में शादी करने वाले जोड़े उत्तरायण काल का लाभ उठा सकते हैं, जो 14 जनवरी तक रहता है।
विवाह मुहूर्त निर्धारण के नियम और सावधानियां
कुंडली मिलान अनिवार्य: वर-वधू के जन्म नक्षत्र, गोत्र और मंगल दोष की जाँच करें।
लग्न कुंडली का विश्लेषण: विवाह का शुभारंभ “लग्न पत्री” के अनुसार होना चाहिए।
अबूझ मुहूर्त का लाभ: अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी जैसे पर्वों पर बिना मुहूर्त देखे शादी कर सकते हैं।
ग्रह दोषों से बचाव: गुरु अस्त (जून-जुलाई), सूर्य ग्रहण (15 नवंबर 2025) के आसपास शादी न करें।
नक्षत्र प्राथमिकता: रोहिणी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त और स्वाति को विवाह के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
महत्वपूर्ण धार्मिक तिथियाँ (जुलाई-अक्टूबर 2025)
घटना | तिथि | प्रभावावधि |
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गुरु अस्त | 11 जून – 6 जुलाई | कोई मांगलिक कार्य नहीं |
देवशयनी एकादशी | 6 जुलाई | चातुर्मास प्रारंभ |
हरियाली तीज | 29 जुलाई | केवल व्रत, विवाह नहीं |
श्राद्ध पक्ष | 5-19 सितंबर | पितृ कर्म प्रधान |
नवरात्रि | 26 सितंबर – 5 अक्टूबर | देवी पूजन |
दीपावली | 31 अक्टूबर | लक्ष्मी पूजन |
देवोत्थान एकादशी | 18 नवंबर | चातुर्मास समाप्ति |
विवाह के लिए उत्तम और शुभ मुहूर्त जानने के लिए आज ही उज्जैन के योग्य और अनुभवी पंडित विजय जोशी जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करे और विवाह के लिए शुभ तिथि का चयन करें।